Friday, May 29, 2009

केशरिया रंग का विरोध !!!


ये ख़बर आज के अखबार "हिंदुस्तान " की है:
दिल्ली की मुख्या मंत्री श्री मति शीला दीक्षित जी भी आजीब सा विरोध केर रही है। अगर इन्हे केशरिया रंग से इतना परहेज है तो अपने पार्टी के झंडे से ये रंग हटवाए, देश के राष्ट्रीय ध्वज में भी इस रंग को सबसे उपर की इज्ज़त दी गयी है क्या इसको भी हटाना परेगा मैडम की खातिर ।
मैडम को चिंता करनी चाहिए की कोमन वेल्ग्थ गमेस की तैयारी की तो रंगों के पीछे पड़ी है...
वैसे अब तो धर्म निरपेक्षता के नाम पर सभी लोग सीमा पार कर रहे हैं । संविधान में इस शब्द का उपयोग अमन और शान्ति के लिए किया गया था, लेकिन अब इसी शब्द के कारन देश सबसे ज्यादा अशांत है।
पता नही इन लोगों को इस शब्द का मतलब भी ठीक से पता है या नही, अगर नही है तो आज एक देश प्रेमी इसका अर्थ बताता है जरा ध्यान से सुन और याद कर ले,
धर्म निरपेक्षता का मतलब होता है
  • किसी भी धर्म का विरोध न करना।
  • किसी भी धर्म को नीचा ना दिखाना।
  • किसी भी धर्म को ऊँचा न दिखाना।
  • किसी भी धर्म के लोगों से भेद भाव ना रखना ।
  • किसी भी धर्म को रियायत न देना।
  • किसी भी धर्म के उपर सिकंजा न कसना।
अगर कोई इन सभी शर्तों को पुरा करता है तो वो धर्म निरपेक्ष है, अगर एक भी शर्त अधूरी है तो फिर वो कभी भी धर्म निरपेक्ष नही हो सकता।

4 comments:

  1. हरा करवा दो .....शायद वोट और मिल जायेगी.
    जय हो......

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  2. क्या हमारी सोच धर्मनिरपेक्ष है? वैसे जनता महेरबान तो मैडमें पहलवान...जय हो. अपना धर्म क्यों नहीं बदल लेते....

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  3. Bahut sahi kaha aapne....

    Kya kaha jaay...kaisi dharmnirpekshata hai yah ...samajh se bahar hai.

    Bhajpa,hinduon ka virodh hi aaj dharmnirpekshata ka paryay ban gaya hai inke liye.

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