Saturday, May 23, 2009

सपने सरकार चुनने वालों के : भाग - २

सपने सरकार चुनने वालों के : भाग - २
आपने पिछले पोस्ट में मैंने आपनी सरकार से भारत को कृषि मैं आत्म निर्भर बनाने को कहा था , किसानो के समस्याओं और उनके समाधान के बारे में चर्चा किया था... आज कोई और विषय लेते है...
भारत के सम्यक विकास के लिए ये जरूरी है की भारत के लोग सुशिक्षित हों ... आज हमारी भारतीय शिक्षा पद्धति में बहुत सारे कमियां है ...
सबसे पहले प्राईमरी शिक्षा की बात करते है ...
सरकारी प्राईमरी स्कूलों की तो बात मत पूछिए , किसी स्कूल में बच्चों के बैठने की लिए बेंच नही है तो किसी प्राईमरी स्कूल की छत ही नही है... किसी प्राईमरी स्कूल की इमारत ठीक है तो उसमे योग्य शिक्षक नही है ...
सरकार इसपर खूब पैसे भेजती है लेकिन पैसे बीच मैं ही ख़तम हो जाते है ...
अब हाई स्कूल की बात करते है ,
हाई स्कूलों का भी कमोबेश यही हाल है, पहले तो जिला स्कूल की हालत ठीक हुआ करती थी लेकिन अ़ब तो उनका भी बुरा हाल हो गया है। टूशन के रोग ने इसके शिक्षकों को इस तरहा पकड़ रखा है की जो बच्चे उनसे टूशन नही लेते उनको परीक्षा में नम्बर कम आते है...
कालेजों में तो और भी बुरा हाल है , प्रोफ़ेसर लोग तो क्लास कम टूशन ज्यादा लेते है , विज्ञानं की कक्षाओं में प्रैक्टिकल की लिए इंस्ट्रुमेंट्स ही नही होते...
जब हमारी शिक्षा प्रणाली में इतनी खामियां है तो हम कैसे कह सकते हैं की हम विश्व पटल को एक बढ़िया व्यक्ति, एक बढ़िया वैज्ञानिक , एक बढ़िया लीडर , एक बढ़िया सामाजिक आदमी कहा से दे पाएंगे ....
हमारी शिक्षा प्रणाली इतने कमजोर कभी नही थी जितनी आज है, अगर हम इतिहास में जाए तो पता लगेगा की सारे विश्व से लोग आते थे हमारे भारत में पढने के लिए... भारत कभी विश्व के ज्ञान केन्द्रों में से एक था...
चलिए इतिहास तो इतिहास है ... अ़ब इसको सुधारने के लिए हमारी सरकार को क्या करना चाहिए...
आज के परेंट्स प्राइवेट स्कूलों को तरजीह देने लगे है क्योंकि हमारी अपनी प्रणाली इतनी लचर हो चुकी है की कोई भी आदमी आपने बच्चों को इसमे डालना ही नही चाहता।
इसलिए सरकार को चाहिए की वर्तमान शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन करे,
योग्य शिक्षकों की बहाली हो, सबसे बड़ी बात जो भी शिक्षक नियुक्त किया जाए उनकी किसी योग्य व्यक्ति के द्वारा वार्षिक परफॉर्मेंस की जांच की जाए।
प्राईमरी स्कूल से ही बच्चों के रुझान के बारे मैं जानने की कोशिश की जाए और उनको उनकी योग्यता के अनुसार बचपन से ही तैयार किया जाए।
स्कूलों के पाठ विषय में देशप्रेम और देशप्रेमियों के बारे मैं जरूर बताया जाए ।
संछेप में यही कहूंगा की हमारी शिक्षा प्रणाली पर बहूत ज्यादा और बहुत जल्दी ध्यान देने की जरूरत है तभी हमारा देश वो देश बन पायेगा जिसको आजाद करवाते समय देशप्रेमियों ने अपने मन में रखा होगा।

जय हिंद ... जय भारत ...

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