हमारे राष्ट्र की धर्म निरपेक्ष सरकार के निर्णय :
संप्रग सरकार के पिछले कार्यकाल में
सेना में मुसलमानों की गिनती,
रोजगार के संसाधनों पर अल्पसंख्यकों के पहले हक के लिए प्रधानमंत्री की पैरवी, सच्चर कमेटी की सिफारिशों पर शुरुआती अमल के चुनावी नतीजे देख सरकार के हौसले बढ़ गए हैं। लिहाजा अब वह उनका और खयाल रखेगी। ...
अल्पसंख्यकों, खासतौर से मुसलमानों के साथ और भी शिद्दत से खड़ी होगी। विरोधी दल अर्से से कांग्रेस और संप्रग सरकार पर अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन सरकार ने न पहले उसे तवज्जो दी और न आगे देने जा रही है। सरकार ने यह कहकर अपनी मंशा साफ कर दी है कि अल्पसंख्यकों की बेहतरी को उच्चतम प्राथमिकता देना वह जारी रखेगी। ...
इस बार इन सब पर और तेजी से काम होगा। इसीलिए सच्चर कमेटी की ओर से समान अवसर आयोग बनाने की सिफारिश पर भी अब अमल होगा। हज पर जाने वाले मुसलमानों के खास ख्याल ...
वक्फ प्रबंधन को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए सरकार वक्फ कानून में भी संशोधन करेगी।सोजन्य से : नई दिल्ली, जागरण ब्यूरोबाकि धर्म के लोग तो यही कहेंगे : मैं वैरी सुग्रीव प्यारा !!!आख़िर हो भी क्यों न, मतदान तो इन्होने ही किया है , पुरे भारत वर्ष का वोटिंग परसेंटेज रहा लगभग ४०-५० परसेंट , जिसमे २५-३० परसेंट तो इसी समुदाय के लोगों ने दिया, बाकि समुदाय के ने या तो वोट नही दिया या अपने समुदाय के अंदर के घटकों में ही व्यस्त रहे...
यानि की अभी ३० % लोगों का देश के ७० % लोगों पर शासन है। अभी भी समय है आपने मताधिकार का प्रयोग करें नही तो ...