Wednesday, May 20, 2009

एक आम भारतीय की चाहत - १

आज हम एक आम भारतीय आदमी के चाहत के बारे में बात करेंगे । क्या चाहता है एक आम आदमी ... आपने सरकार से ... क्या अपेक्षाएं रखता है वो ...
एक आम आदमी का लोकतंत्र में एक अधिकार है चुनाव में वोट देने का ... एक सरकार को चुनने का ... जो उसके हीत में काम करे ....
आपने इस अधिकार का प्रयोग करने के बाद , उसकी क्या आशाएं होती है ... आज उसी पर चर्चा करेंगे ...

हम सभी को पता है की भारत एक कृषि प्रधान देश है और इसकि ७२% जनता आज भी कृषि पर निर्भेर करती है। इसलिये अगर भारत को सबल और अत्मनिर्भेर बनाना है तो सबसे पहले इसकि कृषि को उन्नत करना होगा, किसान को उन्नति की राह पर लाना होगा। ये सबसे मूल काम होना चाहिए किसी भी सरकार का...
इसकेलिये सबसे पहले ये सोचना होगा की किसान को किस तरह की परेशानियाँ आती है ... उनको समझना होगा ... ये समझना होगा की आख़िर किस वजह से किसान खेती बारी छोड़ कर शहर की तरफ़ जा रहा है...
इसको समझने के लिए जमीनी नजरिया आपनाना होगा ...

पहला कारन : सिचाई के लिए बिजली, जेनेरेटर पर निर्भर होना
दूसरा कारन : उन्नत बीजों की कमी
तीसरा कारन: अनाज की सही कीमत न मिलना

अगर इन तीनो करनी का समाधान किया जा सके तो हम कृषि के छेत्र में स्वावलंबी हो सकते है ...

इनका समाधान भी है और हमारी सरकारों को भी पता है लेकिन कोई कुछ करता नही है... योजनायें बनती है और कागज पर ही रह जाती है... काश कोई ऐसी देशभक्त सरकार आती जो योजना सिर्फ़ कागज़ पर नही बनती उसको ज़मीं पैर भी लाती...

आप सोचेंगे की कारन तो बता दिया समाधान तो बताया नही... समाधान ये है...

हमारा देश नदियों का देश हैजिन्हें हम माता का दर्जा देते है... हमें सिर्फ़ यही करना है की सारी माताओं को एक साथ मिला दे ... सारी नदियों को एक साथ मिला दे .... नहरों का निर्माण करवा दे ... और गाँव गाँव को इन नहरों से जोड़ दे...
इससे बहुत फायदे है , एक तो सिचाई के लिए पानी मिल जाएगा और दूसरा बाढ़ का खतरा भी कम हो जाएगा... लोगों को रोजगार मिलेगा वो तो एक अलग ही फायदा है ....

उन्नत बीजों के लिए हमारे कृषि वैज्ञानिक कुछ नया प्रयोग करे, इसके लिए उन्हें उत्साहित करने की जरूरत है , आज हमारे यहाँ कृष विद्यालय तो है लेकिन किस हालत में है ये सबको पता है... इशलिये उनको सुवेय्वस्थित करने की जरुरत है ...

जबतक किसानो को उनके परिश्रम की पुरी कीमत नही मिलेगी वो परेशां ही रहेगा ... इसलिए किसानी और बाज़ार के बीच से दलालों को हटाना होगा... इसके लिए सरकार को ख़ुद किसानो के पास जा करके उनके अनाज की सही कीमत देनी चाहिए ...
आज बस इतना हे... कल फिर एक समस्या और समाधान ले केर के आऊँगा... शायद सरकार के नज़र मैं कभी आम आदमी की भी आवाज पहुँच जाए....

5 comments:

  1. bandhuvar bahut hi achhi,
    bahut hi saarthak post
    BADHAI

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  2. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  3. कोशिश यूँ करते रहें पहुँचेगी आवाज।
    लोक जागरण हो तभी बचे देश की लाज।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  4. चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है । लिखते रहीये हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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